50+ Best Famous Shayari of Dr. Rahat Indori / राहत इंदौरी की मशहूर शायरी
अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं,
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।
मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थ।
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थ।
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।
जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए,
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए।
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए।
Rahat Indori shayari in hindi
इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है,
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।
मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए,
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं।
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं।
जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे,
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।
फूलों की दुकाने खोलो , खुसबू का व्यापार करो,
इश्क़ खता है तो, इसे एक बार नहीं सौ बार कर।
इश्क़ खता है तो, इसे एक बार नहीं सौ बार कर।
फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।
Rahat Indori shayari
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है,
आँधी से कोई कह दे आँधी से के औकात में रहे।
आँधी से कोई कह दे आँधी से के औकात में रहे।
लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है,
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे,
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो।
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो।
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।
Rahat Indori sad shayari
आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,
मगर हद से गुजर जाने का नईं।
मगर हद से गुजर जाने का नईं।
बुलाती है मगर जाने का नईं,
ये दुनिया है इधर जाने का नईं।
ये दुनिया है इधर जाने का नईं।
दोस्ती जब किसी से की जाये,
दुश्मनों की भी राय ली जाये।
दुश्मनों की भी राय ली जाये।
नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से,
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।
Rahat Indori love shayari
बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा,
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा।
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा।
जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से,
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से।
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से।
अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहां पर ढूंढ रहे हैं जहां नहीं हूं मैं।
वहां पर ढूंढ रहे हैं जहां नहीं हूं मैं।
सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ,
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए।
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए।
जिंदगी है एक सफर और जिंदगी की राह में,
ज़िन्दगी भी आये तो ठोकर लगानी चाहिए।
ज़िन्दगी भी आये तो ठोकर लगानी चाहिए।
Rahat Indori best shayari
सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए,
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए।
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए।
राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना,
हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।
हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं।
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं।
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।
Rahat Indori shayari
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए।
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए।
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ।
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ।
मेरे अधूरे शेर में थी कुछ कमी मगर,
तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।
तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।
ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,
के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।
के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।
Rahat Indori romantic shayari in hindi
सब प्यासे हैं सबका अपना ज़रिया है, बढ़िया है,
हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है।
हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है।
सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का,
वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।
वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो,
बहरों का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो।
बहरों का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो।
इसे तूफां ही किनारे से लगा देते हैं,
मेरी कश्ती किसी पतवार की मोहताज नहीं।
मेरी कश्ती किसी पतवार की मोहताज नहीं।
शहरों में बारूदों का मौसम है,
गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।
गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।
Dr. Rahat Indori shayari
अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए,
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए।
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए।
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे,
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के।
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के।
गम सलामत हैं तो पीते ही रहेंगे लेकिन,
पहले मयखाने की हालात तो संभाली जाए।
पहले मयखाने की हालात तो संभाली जाए।
नींदो से जंग होती रहेगी तमाम उम्र,
आँखों में बंद ख्वाब अगर खुल के आ गए।
आँखों में बंद ख्वाब अगर खुल के आ गए।
राहत इंदौरी की मशहूर शायरी
इन्तेज़ामात नए सिरे से संभाले जाएँ,
जितने कमजर्फ हैं महफ़िल से निकाले जाएँ।
जितने कमजर्फ हैं महफ़िल से निकाले जाएँ।
सितारों की फसलें उगा ना सका कोई,
मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे।
मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे।
वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा,
दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।
दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।
इस बार एक और भी दीवार गिर गयी,
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया।
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया।